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घर में पहलवानों की टोली से निकल कर, क्रिकेटर बनना कुछ आसान नही था शुभमन गिल के लिए

By Akhilesh

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शुभमन गिल का जन्म 8 सितम्बर 1999 को फज़िल्का, पंजाब में हुआ. फज़िल्का में गिल परिवार के खेत और जमीनें हैं. शुभमन के पिता का नाम लखविंदर सिंह है. शुभमन के पिता खेतों में काम करने वाले लोगों से शुभमन की बैटिंग प्रैक्टिस में मदद के लिए बाल फेंकने के लिए कहते थे. शुभमन के पिता बताते हैं कि शुभमन को 3 वर्ष की उम्र से ही Cricket में रूचि थी. शुभमन गिल बैट-बॉल के अलावा बाकी खिलौनों से खेलते ही नहीं थे.

शुभमन के पिता अपने बेटे में क्रिकेट की इस दीवानगी को देखकर उसे प्रोफेशनल क्रिकेट कोचिंग दिलाने को सोचने लगे. इस निश्चय को पूरा करने के लिए गिल परिवार ने मोहाली, पंजाब में बसने का निर्णय लिया. मोहाली में PCA स्टेडियम के पास उन्होंने एक किराये का मकान लिया और शुभमन की क्रिकेट कोचिंग शुरू हो गयी.

Gill ने पूरे जोश और पैशन से क्रिकेट सीखना शुरू किया और कुछ वर्षों में ही इसके नतीजे दिखने लगे. शुमभन ने 2016-17 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में पंजाब के लिए खेलते हुए अपना खाता खोला. फरवरी 2017 में विजय हजारे ट्राफी और नवम्बर 2017 में रणजी ट्राफी मैच से शुभमन ने प्रोफेशनल क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा.

अंडर-16 टीम में विजय मर्चेंट ट्राफी के लिए खेलते हुए शुभमन ने नाबाद डबल सेंचुरी लगाकर शुरुआत की. विगत दो वर्षों से BCCI की तरफ से शुभमन गिल को बेस्ट जूनियर क्रिकेटर घोषित किया गया है. अंडर-19 टीम में खेलते हुए शुभमन ने इंग्लैंड के खिलाफ वन डे मैच में 147 रन बनाये. इस मैच सीरीज में शुभमन गिल मैन ऑफ़ द सीरीज पुरस्कार पाया

खानदान में रही पहलवानी की परंपरा

शुभमन के पिता लखविंदर वैसे तो कभी भी प्रो​फेशनल क्रिकेटर नहीं रहे, लेकिन उनकी क्रिकेट की समझ काफी अच्छी है। दरअसल, लखविंदर के पिता यानी शुभमन के दादा दीदार सिंह खुद अच्छे कबडडी खिलाडी थे। उनके खानदान में पहलवानी होती रही थी, इसलिए वे लखविंदर को भी पहलवान बनाना चाहते थे। लेकिन, एक हादसे में लखविंदर की जांघ की हडडी टूट गई और इसी के साथ उनका सपना भी अधूरा रह गया।

 

बचपन से ही गेंदबाज पर हावी होकर खेलने की आदत

शुभमन दिनभर उस बल्ले से खेलता था। और तो और रात को भी बैट को अपने बिस्तर पर तकिया के नीचे रखकर सोता था। नन्हें शुभमन के लिए पिता ने आंगन में क्रिकेट का नेट लगवा दिया और खुद ही गेंदें फेंककर बैटिंग की प्रैक्टिस करानी शुरू कर दी। लखविंदर सिंह के मुताबिक—शुभमन में बचपन से ही गेंदबाज पर हावी होकर खेलने की आदत रही है। उस समय भी वह पिच पर आगे निकलकर ड्राइव शॉट लगाता था और अपने से बड़ी उम्र के बच्चों के साथ क्रिकेट खेला करता था।

खिलौनों की जगह बैट मांगता था बच्चा

एक मीडिया संस्थान को दिए गए इंटरव्यू में Shubman Gill के पिता लखविंदर सिंह गिल ने बताया कि शुभमन को बचपन से ही क्रिकेट के प्रति बड़ा लगाव था। 3 साल की उम्र में जब उसमें थोडी समझ पैदा हुई तो तो वह भी मेरे साथ बैठकर बड़े चाव से टीवी पर क्रिकेट मैच देखा करता था। इस उम्र के अन्य बच्चे, जहां खिलौने व अन्य चीजों की जिद किया करते हैं, शुभमन की जिद होती थी क्रिकेट के ​बल्ले के लिए। मैने भी उसकी इच्छा को देखते हुए बैट लाकर दे दिया।

 

क्रिकेट करियर की शुरुआत

शुभमन गिल का क्रिकेट के प्रति लगाव बचपन से ही था. सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट खेलते देखते हुए बालक शुभमन को भी एक क्रिकेटर बनने का सपना देखने लगा. हर समय क्रिकेट की बातें करना और क्रिकेट बात और बॉल के साथ घंटो फील्ड्स में खेलना पिता लखविंदर गिल को भी सोचने के लिए बमजबूर कर दिया. शुभमन गिल की क्रिकेट के प्रति दीवानगी देख कर इनके पिता इनको लेकर मोहाली चले गए उस समय शुभमन गिल केवल 8 साल के थे. जहां इनके पिता ने इनका दाखिला एक क्रिकेट इंस्टिटूइट में करवा दिया ताकि शुभमन गिल क्रिकेट को अच्छी तरह सिख सके.

 

डोमेस्टिक क्रिकेट में पदार्पण

शुभमन गिल ने अपने क्रिकेटर बनाने के सपने के लिए खूब मेहनत किया। क्रिकेट की समझ और स्किल की वजह से मात्र 18 साल की उम्र में ही उन्हें 2017 में पंजाब के रणजी टीम में शामिल कर लिया गया। शुभमन गिल को 25 फरवरी 2017 को पंजाब टीम में शामिल कर लिया गया. शुभमन गिल ने 5 फरवरी 2017 में विदर्भ के खिलाफ लिस्ट ए मैचों में डेब्यु किया। अपने पहले लिस्ट ए मैच में गिल ने केवल 21 रन ही बनाए.

IPL में 1.8 करोड़ की बोली

 

 

वर्ल्ड कप अंडर-19 में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के कारण ही IPL 2108 के लिए केकेआर कोलकाता टीम ने गिल को खरीद लिया. वर्ल्ड कप अंडर-19 में सेमीफाइनल मैच में पाकिस्तान के खिलाफ गिल ने अपना

पहला शतक लगाया जो की 2018 के अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप में किसी भी भारतीय का पहला शतक है. 27-28 जनवरी 2018 को हुए आईपीएल ऑक्शन में केकेआर ने गिल को 1.8 करोड़ रुपये में खरीदा.

रोचक जानकारियाँ

  • शुभमन ने बहुत ही कम उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया।
  • वह सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण को टीवी पर देखकर बड़े हुए, जिससे उन्हें एक क्रिकेटर बनने की इच्छा जागृत हुई।
  • उनके पिता भी एक क्रिकेटर बनना चाहते थे, परन्तु उन्हें कभी मौका नहीं मिला।
  • क्रिकेट के प्रति उनका रुझान देखकर उनके माता-पिता उन्हें फ़ज़िल्का से मोहाली ले गए। जहां उन्होंने पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन आईएस बिंद्रा स्टेडियम के पास एक घर किराए पर लिया।
  • महज 11 वर्ष की आयु में, उन्हें U -16 पंजाब क्रिकेट टीम में जिला स्तर पर खेलने के लिए चुना गया। अपनी पहली सीरीज़ में उन्होंने पांच मैचों में 330 रन बनाए और एक रिकॉर्ड कायम किया।
  • वर्ष 2014 में, उन्होंने अपनी पहली विजय मर्चेंट ट्रॉफी U -16 के पंजाब राज्य स्तरीय मैच में 200 से अधिक रन बनाए।
  • शुभमन ने पंजाब क्रिकेट टूर्नामेंट इंटर जिला U -16 एमएल मार्कन ट्रॉफी में 351 रन बनाए और जिला स्तर पर निर्मल सिंह के साथ 587 रनों की विश्व रिकॉर्ड की साझेदारी की।
  • उन्हें वर्ष 2013 – 2014 के सफल सीजन के लिए बीसीसीआई के द्वारा सर्वश्रेष्ठ U – 16 क्रिकेटर के रूप में एम.ए.चिदंबरम ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।
  • वर्ष 2017 में, उन्होंने दिल्ली में विदर्भ क्रिकेट टीम के खिलाफ लिस्ट ए क्रिकेट का पदार्पण किया।

  • उसी वर्ष उन्हें भारत की U -19 क्रिकेट टीम में चुना गया। जिसके चलते उन्होंने युवा एकदिवसीय श्रृंखला में इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला मैच खेला। इस श्रृंखला में 351 रन बनाकर वह मैन ऑफ द सीरीज़ बने।
  • उन्हें अंडर -19 क्रिकेट विश्व कप 2018 के लिए उप-कप्तान भी चुना गया।
  • वर्ष 2018 में, उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग 2018 (आईपीएल) की नीलामी में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) द्वारा 1.8 करोड़ रुपए में खरीदा गया।

 

 

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