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भारतीय टेस्ट टीम की रीढ़ बन सकते है, ये 5 खिलाड़ी जो अगले तीन सालों में टेस्ट खेलते नजर आयेंगे

By Akhilesh

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भारतीय टीम ने पिछले कुछ सालों में टेस्ट क्रिकेट में काफी प्रगति की है। इसका मतलब यह नहीं है कि वे पहले अच्छे नहीं थे। टेस्ट क्रिकेट में भारत की तरफ से
सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, अनिल कुंबले और वी वी एस लक्ष्मण जैसे कुछ बेहतरीन खिलाड़ी देखने को मिले है।

टेस्ट मैचों में भारत का घेरलू मैदान पर तो रिकॉर्ड अच्छा था लेकिन विदेशों में उनका प्रदर्शन खराब था। हालाँकि, जब से विराट कोहली ने 2014 में कप्तानी संभाली थी, भारतीय टीम ने टेस्ट में अच्छा प्रदर्शन करके दिखाया है।

इसके अलावा उनकी कप्तानी में टीम ने विदेशों में भी अपने प्रदर्शन में बहुत सुधार किया है। वहीं अब भारतीय टीम की कमान रोहित शर्मा के हाथों में में है। उन्होंने अभी तक 2 मैचों में कप्तानी की है और दोनों में ही उन्हें जीत मिली है।

वहीं कोहली और जसप्रीत बुमराह जैसे सीनियर खिलाड़ी पिछले कुछ वर्षों में टेस्ट टीम की रीढ़ बने रहे हैं, वहीं कुछ युवा ऐसे भी हैं जो यकीनन स्टार बनने की राह पर है।

तो आज हम आपको उन 3 खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे है जो अगले 3 सालों में भारतीय टेस्ट टीम के स्तंभ बनकर उभर सकते हैं।

1 ऋषभ पंत

इस लिस्ट में टॉप पर ऋषभ पंत अपनी जगह बनाने में कामयाब हो गए है। पंत अपने विस्फोटक अंदाज में खेलने के लिए जानें जाते हैं। उन्होंने सीमित ओवरों की क्रिकेट से अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत की थी।

हालांकि विकेटकीपर-बल्लेबाज ने जल्द ही टेस्ट टीम में दस्तक देना शुरू कर दिया और अंततः ऋद्धिमान साहा की जगह वो भारत की पहली पसंद के विकेटकीपर बन गए।

उन्होंने इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया के मैदानों में भी शतक बनाये है। वो एकमात्र ऐसे भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज है जिन्होंने इन देशों में शतक बनाने का कारनामा करके दिखाया है।

बाएं हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज के टेस्ट करियर की बात की जाए तो उन्होंने 31 मैच खेले है और 43.33 के औसत की मदद से 2123 रन अपने नाम किये है।

2. मोहम्मद सिराज

अपने छोटे से टेस्ट करियर में मोहम्मद सिराज ने अपनी गेंदबाजी से कई लोगों को प्रभावित किया है। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने 2020 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट में अपना डेब्यू किया।

चोटिल मोहम्मद शमी के विकल्प के रूप में लाए गए सिराज ने दोनों पारियों में मिलकर पांच विकेट चटकाए और शेष सीरीज के लिए अपनी जगह पक्की कर ली।

वहीं इसके बाद ब्रिस्बेन के गाबा में सीरीज के निर्णायक मैच में सीनियर खिलाड़ी जसप्रीत बुमराह और रविचंद्रन अश्विन चोटों के कारण बाहर हो गए, सिराज ने गेंदबाजी आक्रमण को लीड किया।

भारत इस मैदान पर तीन दशकों से नहीं हारा था। दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज ने दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजी क्रम को तोड़ दिया और प्रारूप में पहली बार 5 विकेट हॉल लिया।

सिराज के टेस्ट करियर की बात की जाए तो उन्होंने अभी तक 13 मैच खेले है और 30.77 के औसत की मदद से 40 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई है।

3. शुभमन गिल

शुभमन गिल ने अपने अंडर 19 दिनों से ही शानदार प्रदर्शन किया था। गिल ने 2018 में खेले गए अंडर 19 वर्ल्ड कप में 104.50 की औसत से 418 रन बनाए थे और भारत को खिताब जितवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

उनके इस शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच के अवार्ड से नवाजा गया था। मोहम्मद सिराज की तरह गिल ने भी 2020 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एमसीजी में टेस्ट डेब्यू किया था।

एक सलामी बल्लेबाज के रूप में तैयार किए गए, इस युवा खिलाड़ी ने एक घातक ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण के खिलाफ दो अर्द्धशतक लगाए। वह चौथे टेस्ट में शतक बनाने से चूक गए और 91 पर आउट हो गए।

गिल पिछले डेढ़ साल में रोहित शर्मा और केएल राहुल के साथ टेस्ट में मेन इन ब्लू के तीसरे सलामी बल्लेबाज रहे हैं। उन्हें अभी भी अपनी तकनीक के साथ-साथ अपने 50 को100 में कैसे बदलना है उस पर काम करना है ताकि बड़े मंच पर अपनी योग्यता साबित कर सके।

दाएं हाथ के युवा बल्लेबाज के टेस्ट करियर की बात की जाए तो उन्होंने 11 मैच खेले है और 30.47 के औसत की मदद से 579 रन अपने खाते में जोड़े है। इस दौरान उनके बल्ले से 4 अर्धशतक देखने को मिले है।

4. श्रेयस अय्यर

इस लिस्ट में श्रेयस अय्यर भी अपना नाम दर्ज करवाने में सफल हो गए है। श्रेयस ने पिछले साल न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट में अपना डेब्यू किया था। अपने डेब्यू टेस्ट मैच में ही उन्होंने 105 रन की शतकीय और 65 रन की अर्धशतकीय पारियां खेली थी।

उन्होंने खराब फॉर्म के कारण टेस्ट टीम से बाहर किये गए अजिंक्य रहाणे की जगह पर अच्छा प्रदर्शन किया है। हाल ही इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए गए थे।

इस समय शार्ट पिच गेंदों के खिलाफ उनकी कमजोरी सामने आये थी। उन्हें अपनी इस कमजोरी पर काम करना होगा। तो वो इस फॉर्मेट में और लंबा टिक सकते है। इस बात में कोई शक नहीं है कि वो बेहद प्रतिभाशाली बल्लेबाज है।

दाएं हाथ के बल्लेबाज के टेस्ट करियर की बात की जाए तो उन्होंने 5 मैच खेले है और 46.89 के औसत की मदद से 422 रन अपने खाते में जोड़े है। टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम एक शतक और 3 अर्धशतक दर्ज है।

 

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