केएल राहुल के क्रिकेट खेलने से बहुत ज्यादा खुश नहीं हैं उनकी मां, इमोशनल इंटरव्यू में किया बहुत बड़ा खुलासा

 

केएल राहुल

क्रिकेट की दुनिया में किसी भी क्रिकेटर के लिए अपने देश के लिए खेलना बेहद सम्मान वाली बात होती है. इंटरनेशनल लेवल पर देश का प्रतिनिधित्व करने से किसी भी खिलाड़ी की मेहनत रंग ला देती है. न सिर्फ खिलाड़ी के लिए बल्कि उनके मां बाप के लिए भी ये बेहद गर्व की बात होती है. मगर भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज और उपकप्तान केएल राहुल की कहानी कुछ और ही है. उनके क्रिकेट करियर से उनकी मां कुछ खासा खुश नहीं हैं. इस बात का खुलासा केएल राहुल ने खुद एक इंटरव्यू ने किया था.

केएल राहुल की मां नहीं है उनके क्रिकेट करियर से खुश

भारतीय सलामी बल्लेबाज केएल राहुल की मां उनके क्रिकेट के करियर से कुछ खास खुश नहीं हैं, ये बात खुद बल्लेबाज केएल राहुल ने अपने एक इंटरव्यू में बताया थी. साल 2022 की शुरुवात में एंकर गौरव कपूर के शो “ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस” में केएल ने एक इंटरव्यू दिया था जहां उन्होंने खुद इस बात की पुष्टि की थी.

उन्होंने बताया था की उनकी मां उनके क्रिकेट करियर से कुछ खास प्रभावित नहीं हैं वो उन्हें क्रिकेट खेलते हुए नहीं देखना चाहती थी, उनके मुताबिक के एल को एक नौकरी करनी चाहिए थी. केएल ने बताया,

“मेरी मां मुझे अभी भी डिग्री पूरी करने के लिए कहती है. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान भी मुझसे कहा था कि तुम बैठकर 30 पेपर लिख कर अपनी डिग्री पूरी क्यों नहीं करते हो?”

इतना ही नहीं आगे अपनी बात में उन्होंने कहा,

“मैंने उनसे बोला कि आप क्या चाहते हो मैं क्या करू? मैं क्रिकेट खेल रहा हू, खुद के लिए अच्छा कर रहा हूं और आप चाहती हैं कि मैं जाकर 30 पेपर लिखूं? उन्होंने कहा क्यों नहीं? वह मेरे से इम्प्रेस नहीं है.”

इस तरह की नौकरी से मिलेगी खुशी

भारतीय बल्लेबाज केएल राहुल ने अपने इंटरव्यू में आगे बताया की उनके मां बाप उन्हें एक सरकारी नौकरी करते हुए देखना चाहते थे, और अगर वो कोई सरकारी नौकरी कर रहे होते तो उनके मां पिता बेहद खुश होते उतना जो शायद उनके भारत के लिए क्रिकेट खेलते हुए भी देख कर नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा,

“वह सबसे ज़्यादा तब खुश होंगे जब मुझे RBI जैसी नौकरी, या केंद्रीय सरकार की कोई नौकरी मिल जाएगी. वह जब सबसे ज़्यादा खुश होंगे. मैंने अभी ही 4 साल भारत के लिए क्रिकेट खेल लिया है, लेकिन इस बात से उन्हें इतनी ख़ुशी नहीं हुई.”