रोहित शर्मा: क्रिकेट में पुराना जुमला है, हार-जीत तो लगी रहती है. यह भी सच है कि कोई भी टीम हर मैच नही जीत सकती. लेकिन अगर आप दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम माने जाते हैं और पिछले 8 साल से आईसीसी की कोई ट्राॅफी नही जीतते हैं तो यह जरूर सोचना चाहिए कि कही कुछ तो गलत हो रहा है. क्रिकेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत की टीम मैनेजमेंट का अप्रोच बहुत हद तक इस हार का जिम्मेदार है. कैसे आइए समझते हैं.
सही समय पर सही प्लेयर्स का चुनाव नही
हमें यह समझने की जरूरत है कि क्रिकेट सिर्फ मैदान के अंदर नही खेला जाता बल्कि मैदान के बाहर आप किस तरह के फैसले लेते हैं इस पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है.
इस विश्व कप की बात करें तो भारत के प्रमुख स्पिनर थे युजवेंद्र चहल जिनका रिकॉर्ड इंग्लैंड के खिलाफ शानदार रहा था. चहल ने इंग्लैंड के खिलाफ 11 मैच में 16 विकेट लिया था. उनका बेस्ट 25 रन देकर 6 विकेट भी इंग्लैंड के खिलाफ ही आया था. लेकिन खेले रविचंद्रन अश्विन जिनका टी-ट्वेंटी का कैरियर अब से लगभग 3 साल पहले ही समाप्त हो गया था. फन फैक्ट यह भी है कि अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ 5 टी-ट्वेंटी मैच खेला है जिसमे उनको सिर्फ एक विकेट ही मिला है.
इस विश्व कप से पहले बताया जा रहा था कि दिनेश कार्तिक हमारे पसंदीदा विकेटकीपर बल्लेबाज हैं. उनको चार मैच खिलाया गया उसके बाद एकाएक जिम्बाब्वे के खिलाफ ऋषभ पंत आ गए. उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ 3 रन बनाए थे लेकिन फिर भी उनको सेमीफाइनल में खिलाया गया. साथ ही साथ विश्व कप के एक साल पहले हमने हर्षल पटेल को एक डेथ गेंदबाज के रूप में तैयार किया था जबकि मौका उनको एक भी मैच में नही दिया गया.
अगर हम इतिहास की बात करें तो 2019 के विश्व कप में भी एकाएक विजय शंकर को खिलाया गया था जबकि अंबाती रायडू रिजर्व प्लेयर की लिस्ट में थे. इस फैसले के बाद रायडू का कैरियर ही खत्म हो गया. इतने उदाहरण काफी है कि भारतीय मैंनेजेमेट में सब कुछ ठीक नही चल रहा है.
रोहित शर्मा एक कप्तान के तौर पर नही दिखे सहज
रोहित शर्मा भी इस विश्व कप में बहुत सहज नही दिखे. अपने तेज गेंदबाजों पर रोहित अजब तरीके से रिएक्ट करते हैं. ऋषभ पंत को खिलाना है या दिनेश कार्तिक को इस पर रोहित शर्मा अपनी ही बात को काटते हुए दिखते हैं. कभी कहते है मैं आखिरी वक्त पर फैसला नही लेता तो कभी आखिरी वक्त पर दिनेश के जगह पंत को उतार देते हैं. सेमीफाइनल में रोहित शर्मा कप्तान और बल्लेबाज दोनों तौर पर फ्लाॅफ रहे.
पहले उन्होंने एक धीमी पारी खेली और फिर कप्तान के रूप में बटलर के सामने डिफेंसिव फिल्ड लगाया. जिस वक्त अर्शदीप सिंह की गेंद स्विंग हो रही थी उनको गेंदबाजी से हटा दिया. कुल मिलाकर इस विश्व कप ने रोहित शर्मा को बता दिया है कि उनको और बेहतर होना होगा यह आईपीएल नही है.
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