कुलदीप यादव एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी है जो घरेलू क्रिकेट उत्तरप्रदेश के लिए खेलते हैं। इन्होंने अपने टेस्ट क्रिकेट के कैरियर की शुरुआत ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के खिलाफ २६ मार्च २०१७ को की थी। कुलदीप यादव इंडियन प्रीमियर लीग में २०१२ से २०१४ तक मुम्बई इंडियन्स के लिए खेलते थे और २०१४ से अब तक कोलकाता नाईट राइडर्स के लिए खेल रहे हैं। ये एक मुख्य रूप से गेंदबाज है।वे यदुवंशी हैं।
प्रसिद्ध क्रिकेटर कुलदीप यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 14 दिसंबर 1994 को हुआ। कुलदीप यादव के पिता का नाम श्री राम सिंह यादव तथा माता का नाम श्री मती ऊषा यादव है। कुलदीप यादव के क्रिकेटर बनने के सपने को पूरा करने के लिए उनका परिवार कानपुर शहर में बस गया। कुलदीप यादव के पिता ईंट भट्ठे के मालिक थे। कुलदीप का बचपन से ही क्रिकेट के प्रति लगाव था, वे क्रिकेट में ही अपना भविष्य बनाना चाहते थे।
अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए कुलदीप यादव ने क्रिकेट की राह पकड़ी और पूरी तरह खुद को क्रिकेट के प्रति समर्पित कर दिया। कुलदीप के पिता एक ईंट का भट्टा चलाते है और उनकी मा सुमन एक हाउस वाइफ है। कुलदीप की तीन बड़ी बहनें भी है। घर में सभी को कुलदीप यादव से बड़ी उम्मीदें थी कि वह एक दिन जरुर पूरे परिवार का नाम रोशन करेगा। कुलदीप के सर पर क्रिकेट का जुनून इतनी बुरी तरह सवार था कि वह क्रिकेट के बिना अपनी ज़िन्दगी की कल्पना भी नहीं कर सकते थे
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एक इंटरव्यू के दौरान कुलदीप की बहन ने बताया था कि एक बार कुलदीप का सिलेक्शन अंडर 15 टीम में नही हो पाया था। इस वजह से कुलदीप अन्दर ही अन्दर काफी निराश हो गए थे और उन्होंने आत्महत्या करने की बात भी कही थी। लेकिन बहुतही जल्द कामयाबी ने कुलदीप यादव के घर पर दस्तक दी। कुलदीप यादव भारत के अकेले लेफ्ट हें चाइनामैन गेंदबाज है। चाइनामैन गेंदबाज का मतलब है जो बॉल को स्पिन कराने के लिए अपनी उंगलियों के बजाय कलाइयों का उपयोग करता है।
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इस तरह के गेंदबाज आसानी से बल्लेबाज को चकमा देने में कामयाब रहते है। कुलदीप यादव शुरुआत में एक तेज गेंदबाज बनना चाहते थे। लेकिन कोच कपिल पांडे ने पाया कि वह स्पिन में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर रहे है। कोच की बात मानकर कुलदीप ने अपनी स्पिन गेंदबाजी पर ध्यान देना शुरु कर दिया। कुलदीप यादव को 2012 में अंडर-19 वर्ल्डकप में शामिल किया गया। इस वर्ल्ड कप में कुलदीप ने हैट्रिक ली थी, जो किसी भारतीय अंडर-19 प्लेयर द्वारा ली गई पहली हैट्रिक थी।
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स्थानीय कोच के कहने पर ज्वाइन की एकेडमी
कुलदीप के पिता ने एक मीडिया हाउस को दिए गए इंटरव्यू में कुलदीप के क्रिकेट से जुडने की कहानी बताई। उनके मुताबिक कुलदीप बचपन में बहुत दुबले-पतले शरीर का था। उसको थोडा एक्सरसाइज कराने के चक्कर में वे कानपुर के जेके कालोनी स्थित रोवर्स मैदान में लेकर जाया करते थे। ये बात तबकी है, जब कपिल की उम्र लगभग 8 साल थी। इसी बीच वहां स्थानीय लड़कों को क्रिकेट की ट्रेनिंग देने वाले कपिल पांडेय उसकी लगन और मेहनत से बहुत प्रभावित हुए।
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कपिल ने कुलदीप के पिता को बुलाकर कहा कि इस बच्चे में खेल के प्रति लगन अच्छी है। अगर इस दिशा में ठीक से मेहनत की जाय तो लडका बहुत आगे जा सकता है।
बचपन में फास्ट बॉलर बनना चाहते थे कुुलदीप
Kuldeep Yadav ने अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत fast bowler के रूप में की थी। अपने कोच कपिल पांडेय की सलाह पर उन्होंने spin गेंदबाजी शुरू की। दरअसल, उन्होंने प्रयोग के तौर पर left-arm chinaman गेंदबाजी की थी, जिसे देखकर कोच ने यह महत्वपूर्ण सलाह दी थी।
कोच की इस सोच के पीछे दो कारण थे। एक तो कुलदीप की लंबाई अपेक्षाकृृत कम थी.168 सेमी.। तेज गेंदबाजी के हिसाब से यह बहुत अच्छी लंबाई नहीें मानी जाती। दूसरी जो ज्यादा महत्वपूर्ण थी, कुलदीप की नैसर्गिक स्पिन कला चाइनामैन गेंदबाजी। जो दुनिया के मात्र कुछ गेंदबाजों के पास ही रही है।
कोच की यह बात आगे चलकर बिल्कुल सही साबित हुई। कुलदीप के मुताबिक शुरुआत में मुझे कोच की ये सलाह बहुत नहीं भाई, लेकिन जल्दी ही समझ में आ गया कि कैरियर में कुछ खास हासिल करने में बाए हाथ की ये कलाई स्पिन ही मददगार होगी।
रोचक जानकारियाँ
कुलदीप का जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के एक छोटे से गांव में हुआ। हालांकि, बाद में बेहतर प्रशिक्षण के लिए कानपुर चले गए।
यद्पि कुलदीप ने अपने क्रिकेट कैरियर की शरूआत एक तेज गेंदबाज के रूप में की किन्तु कानपुर में क्रिकेट अकादमी में परीक्षण के दौरान अपने कोच कपिल पांडे की सलाह पर उन्होंने चाइनामैन गेंदबाजी शरू कर दी। हालांकि यह उनके लिए आसान नहीं था और बाद में उन्हों अपने इस निर्णय के के लिए काफी पछतावा भी हुआ।
क्रिकेट की दुनिया में चाइनामैन गेंदबाजी काफी दुर्लभ मणि जाती है, और जनवरी 2017 तक क्रिकेट की दुनिया में मात्रा 28 ऐसे गेंदबाज है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चाइनामैन गेंदबाजीकरते हैं।
अप्रैल 2012 ,17 वर्ष की आयु में ,सर्वप्रथम उनका चयन भारत के अंडर -19 टीम में हुआ हालांकि उनका नाम अंतिम सूचि से बहर हो गए यह वही टीम थी जिसने बाद में उन्मुक्त चंद की कप्तानी में जीत दर्ज की।
कुलदीप आईपीएल 2012 संस्करण के दौरान मुंबई इंडियंस की टीम में शामिल थे लेकिन वह एक भी मैच नहीं खेल पाए।
अगले वर्ष, उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स ने $ 66,000 की राशि के साथ ख़रीदा था। हालांकि उन्होंने आईपीएल के सीजन में केवल 3 ही मैच खेले, लेकिन उनकी गेंदबाजी के कारण कोलकाता नाइट राइडर्स चैंपियन लीग (सीएलटी 20) के फाइनल में पहुंची।
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सीएलटी 20 में अच्छी गेंदबाजी के बदौलत उनका चयन वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाली सीरीज में भारत की राष्ट्रीय टीम में हुआ। दुर्भाग्य वर्ष वेस्टइंडीज ने यह दौरा अपने क्रिकेट बोर्ड में कुछ मतभेदों के कारण में ही रद्द कर दिए और इस तरह कुलदीप के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की श्रृंखला बीच में लटक गई।मा
2017 में, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुलदीप भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले चाइनामैन गेंदबाज बन गए।
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